The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
O Lord! I beseech Your help and seel your divine blessing at this very instant. Conserve and shield me. Destroy my enemies using your Trishul. Release me with the torture of evil ideas.
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए more info श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, shiv chalisa in hindi प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
लिङ्गाष्टकम्